बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
स्वमं पर विजय प्राप्त करना वास्तव में सबसे बड़ी विजय होती है ।
जो इन्सान अपने आप काबू नहीं रख सकता , वह इन्सान दुर्बल चरित्र का होगा |
इन्सान का खुद पर से काबू तभी ख़त्म होता है , जब वह भावनाओ में बहने लगता है |
आप सभी को मेरा संदेश है, आशा , साहस और आत्मविश्वास ।
बाहरी ताकतों को अपने से दूर रखना और दुनिया के तमाम चीजों की तरफ आकर्षित ना होना ही आत्मसंयम कहलाता है ।
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