बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
प्रार्थना वही है , जहाँ कर्म होता है ।
जो कभी सुबह और शाम प्रार्थना नहीं करता है वह शूद्र के रूप में बुलाया जाता है।
प्रार्थना इंसान की सबसे बड़ी शक्ति होती है ।
मैं कभी अपनी सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करती , बल्कि अपनी शक्ति बनाये रखू , इसलिय करती हूँ।
मुझे विश्वास है कि प्रार्थना का सबसे बड़ा रूप भगवान की प्रशंसा है।
प्रार्थना आपके और भगवान के बीच का एक वार्तालाप करने का तरीका है |
भगवान से प्रार्थना इस प्रकार कीजिये , जैसे सब कुछ उन पर निर्भर हो , और कार्य इस प्रकार कीजिये जैसे सबकुछ आप पर निर्भर हो |
ईश्वर ने हमें दिमाग के अंदर असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं।और भगवान की प्रार्थना करने से दिमाग के अंदर असीमित शक्तियां और क्षमताएं बढ़ जाती है ।
जब ये दुनिया पूरी तरह से झुका देती है, तभी ” प्रार्थना ” करने का बिलकुल सही समय होता है।
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