बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
एक राजनेता लोगों को घायल होने से रोक सकता है।
मेरे पिता जी राजनेता थे , मैं भी राजनीतिक हूं ,और वह संत थे ,लेकिन मैं नहीं हूँ ।
भारत में कोई भी राजनेता इतना साहसी नहीं है कि वह जनता को यह समझाने का प्रयास कर सके, कि गायों को खाया जा सकता है ।
मै नेता नहीं बल्कि आभिनेता हू |
मैं साबित करना चाहता था कि एक राजनेता का बेटा एक सफल व्यवसायीसकता है ।
दुनिया कि रोचक बाते जानने के लिए चेनेल को Subscribe करे